कृष्ण की गीता के 18 श्लोक से लिए #ज्ञानबिंदु आज के समय के लिए भी बहुत प्रासंगिक हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण बिंदु दिए गए हैं जो आज के समय में भी बहुत आवश्यक हैं:
– निष्काम कर्म: कृष्ण कहते हैं कि हमें अपने कर्मों के फल की चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि निष्काम भाव से काम करना चाहिए। इससे हमें मानसिक शांति और संतुष्टि मिलती है। “तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, उसके फल में नहीं” ।
– आत्म-जागरूकता: कृष्ण आत्म-जागरूकता के महत्व पर बल देते हैं। हमें अपने विचारों, भावनाओं और कार्यों को समझने की कोशिश करनी चाहिए और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करना चाहिए।
– मित्रता और संबंध: कृष्ण मित्रता और संबंधों के महत्व पर बल देते हैं। हमें अपने मित्रों और परिवार के साथ अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करनी चाहिए।
– आत्म-संयम: कृष्ण आत्म-संयम के महत्व पर बल देते हैं। हमें अपने विचारों और भावनाओं को नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करना चाहिए।
– दान और परोपकार: कृष्ण दान और परोपकार के महत्व पर बल देते हैं। हमें दूसरों की मदद करने की कोशिश करनी चाहिए और समाज के लिए कुछ अच्छा करने की कोशिश करनी चाहिए।
– विद्या और ज्ञान: कृष्ण विद्या और ज्ञान के महत्व पर बल देते हैं। हमें ज्ञान की खोज करनी चाहिए और अपने आप को विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए।
– नियमितता और अनुशासन: कृष्ण नियमितता और अनुशासन के महत्व पर बल देते हैं। हमें अपने जीवन में नियमितता और अनुशासन का पालन करना चाहिए।
– आशा और उत्साह: कृष्ण आशा और उत्साह के महत्व पर बल देते हैं। हमें अपने जीवन में आशा और उत्साह बनाए रखना चाहिए।
– क्षमा और सहनशीलता: कृष्ण क्षमा और सहनशीलता के महत्व पर बल देते हैं। हमें दूसरों को क्षमा करने की कोशिश करनी चाहिए और सहनशील बनना चाहिए।
– आत्म-मूल्यांकन: कृष्ण आत्म-मूल्यांकन के महत्व पर बल देते हैं। हमें अपने आप का मूल्यांकन करना चाहिए और अपने जीवन में सुधार करने की कोशिश करनी चाहिए।
– धैर्य और संयम: कृष्ण धैर्य और संयम के महत्व पर भी बल देते हैं। हमें अपने जीवन में चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए और धैर्य से काम लेना चाहिए।
– सत्य और ईमानदारी: कृष्ण सत्य और ईमानदारी के महत्व पर बल देते हैं। हमें अपने जीवन में सच्चाई और ईमानदारी का पालन करना चाहिए और दूसरों के साथ भी ईमानदारी से पेश आना चाहिए।
– करुणा और सहानुभूति: कृष्ण करुणा और सहानुभूति के महत्व पर भी बल देते हैं। हमें दूसरों की भावनाओं को समझने की कोशिश करनी चाहिए और उनके साथ सहानुभूति रखनी चाहिए।
– आध्यात्मिक ज्ञान: कृष्ण आध्यात्मिक ज्ञान के महत्व पर बल देते हैं। हमें अपने जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान की खोज करनी चाहिए और अपने आप को विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए।
– नैतिकता और मूल्य: कृष्ण नैतिकता और मूल्यों के महत्व पर बल देते हैं। हमें अपने जीवन में नैतिकता और मूल्यों का पालन करना चाहिए और दूसरों के लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए।
– जीवन का उद्देश्य: कृष्ण जीवन के उद्देश्य के बारे में भी बात करते हैं। हमें अपने जीवन का उद्देश्य समझने की कोशिश करनी चाहिए और उसे प्राप्त करने के लिए काम करना चाहिए।
– जीवन की अनिश्चितता: कृष्ण जीवन की अनिश्चितता के बारे में भी बात करते हैं। हमें जीवन की अनिश्चितता को समझने की कोशिश करनी चाहिए और उसके लिए तैयार रहना चाहिए।
– आध्यात्मिक शांति: कृष्ण आध्यात्मिक शांति के महत्व पर बल देते हैं। हमें अपने जीवन में आध्यात्मिक शांति की खोज करनी चाहिए।
इन बिंदुओं को अपनाकर, हम अपने जीवन में सुधार कर सकते हैं और एक बेहतर व्यक्ति बन सकते हैं।

कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें, सदैव आनंदित रहें