अभी पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश और उस से हुए जल-भराव ने बड़े – बड़े शहरों के जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जिधर भी नज़र दोडाओं, जहाँ भी जाओ , वाहनों की लम्बी -लम्बी कतारें, ट्रैफिक जाम और हॉर्न की कर्कश आवाजें आप के मानसिक और शारीरिक संतुलन की ऐसी-तैसी कर देता है और फिर शुरू होता है आलोचनाओं का लम्बा दौर – आप सब फ्री-स्टाइल से जिस किसी को भी कोसना चाहे – देश के प्रधानमंत्री से ले कर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक, डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन से लेकर लोकल पंचायत के लीडर तक, म्युनिसिपल कमिटी से लेकर , पार्षद और स्थानीय रेजिडेंशियल और इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन के नकारे प्रतिनिधियों को।
सब लोग अपना अपना मत – अपनी राय, अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त तो कर देते है परन्तु क्रिया या इस समस्या का समाधान क्या है, कौन और कैसे इस का हल मिल सकता है इस बात पर कोई भी ध्यान नहीं देता। इसी सब नेगेटिविटी के दौर मे एक आशा की लहर, एक पॉजिटिव उम्मीद की किरण तब जगती है जब कुछ सजग नागरिक एक प्रयास करते है अपने समाज के लिए, अपने शहर के लिए, अपने प्रान्त या अपने देश के लिए।
आज आप का परिचय कराते है एक ऐसे ही कर्मठ कार्यकर्ता से – श्री महेश यादव जी जो आम्रपाली कॉर्पोरेट हब, सेक्टर-२, IMT मानेसर , गुरुग्राम की आम्रपाली ओनर एसोसिएशन के प्रेसिडेंट है और भारतीय किसान संघ के युवा जिला अध्यक्ष भी है। आप ने अपना जीवन एक साधारण किसान के घर से शुरू किया और अब आप एक सफल और प्रतिष्ठित बिज़नेस ग्रुप को संभाले हुए है। आप ने अपने सुझाव जब मानेसर.टुडे के साथियों से साँझा किये तो आप की दो बातें ऐसी थी जिन पर हम सब भी कई दिनों से कार्यरत है।
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१. बारिश के इकठ्ठे हुए पानी को अगर सब व्यावसायिक ग्रुप्स और सभी स्थानीय घरों के मालिक, रेन वॉटर – हार्वेस्टिंग (जल संचयन) के सहज सरल तरीकों से वापिस धरती के अंदर पहुँचा दें, जिस से न केवल स्थानीय जल भराव को रोका जा सकता है बल्कि अपनी स्थानीय भूमि का जल स्तर भी रिचार्ज हो जाएगा।
इसी तरह अगर सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं भी अपने क्षेत्र के आमने-सामने जहाँ भी जल भराव होता है या पानी का बहाव रुकता है वहाँ रेन-वाटर हॉर्वेस्टिंग पिट बना कर या नाली – कलेक्शन पिट की व्यवस्था को बना कर इस समस्या का पूर्ण निदान किया जा सकता है।
नेशनल हाईवे, पेरीफेरल सड़कों पर बड़ी -बड़ी कंपनी अपने CSR प्रोजेक्ट के माध्यम से इस कार्यों को एक सामाजिक पहल के रूप में प्रयोग कर सकते है। सिर्फ एक संकल्प लेना है, एक प्रयास न सिर्फ आप के जीवन को सरल सफल बना सकता है बल्कि लोकल प्रशासन और शहर की व्यवस्था पर पड़ते लोड को भी कम कर सकता है।
२. हम अपने घर और व्यावसायिक कचरे को, कूड़े को बाहर खुलें में न फेंक कर एक व्यवस्था के अनुरूप उस को डिस्पोज़ करें.
एक पहल तो करो, एक दिल से किया हुआ प्रयास, उस प्रयास के लिए आप का विश्वास अनेकों नागरिकों को भी जगा सकता है। इस लिए प्यारे जागरूक भाइयों और बहनों, साथियों कृपया थोड़ा समय निकाल कर सोचना, अगर लगे कि जो बात श्री महेश यादव जी आप सब को कहना चाह रहें है वो संभव है या नहीं। अगर संभव है तो फिर पहला कदम ले लेना, अपना घर अपना कार्यस्थान या अपनी सोसाइटी में इस प्रयोग को कर के देखें।
गोपी कृष्ण, मानेसर टुडे
धन्यवाद!
श्री महेश यादव सेवा साधना सहयोग व ईमानदार व्यक्तित्व के धनी है। मानेसर.टुडे के लक्ष्य में इन का योगदान सराहनीय है।
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