तंबाकू निषेध दिवस | घनाक्षरी छंद
तंबाकू निषेध दिवस
तंबाकू प्रयोग से , घटे बदन का जोश
नशा निकोटिन का चढ़े , हो जाए मदहोश
हो जाए मदहोश ,चबाता रहता खन्नी
गिटता रहे खंखार , फैंकता फिरे अठन्नी
कहता कवि तिरलोक , हो गई लत बेकाबू
आया शुभ दिन आज , छोड़ दे अब तंबाकू ।