ॐ शंखं चक्रं जलौकां दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम॥कालाम्भोदोज्ज्वलांगं कटितटविलसच्चारूपीतांबराढ्यम।वन्दे धन्वंतरिं तं निखिलगदवनप्रौढदावाग्निलीलम॥ श्रीधन्वन्तरि हिन्दू मान्यता के अनुसार ये भगवान विष्णु के अवतार हैं जिन्होंने आयुर्वेद प्रवर्तन किया। इनका पृथ्वी लोक में अवतरण समुद्र मन्थन के समय हुआ था। शरद पूर्णिमा को चन्द्रमा, कार्तिक द्वादशी को कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धन्वन्तरि, चतुर्दशी को काली माता और…